Chandan Hospital, Lucknow
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ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन की रोकथाम

Information by Dr. Ritwiz Bihari

Category: general-health

ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन रोकथाम रणनीतियाँ
ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन की रोकथाम

ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन एक ऐसी स्थिति है जिसमें बैठने या लेटने की स्थिति से खड़े होने पर अचानक ब्लड प्रेशर गिर जाता है। इससे चक्कर आना, लाइटहेडेडनेस, धुंधली दृष्टि, कमजोरी और कभी-कभी बेहोशी (सिनकोप) हो सकती है। हालांकि इसे पूरी तरह रोकना कठिन हो सकता है, लेकिन कुछ रणनीतियों से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है।

रोकथाम और प्रबंधन की रणनीतियाँ

  • हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त पानी पिएं (दिन में कम से कम 8 गिलास)। अत्यधिक कैफीन और शराब से बचें क्योंकि ये डिहाइड्रेशन बढ़ा सकते हैं।
  • धीरे-धीरे पोजीशन बदलें: लेटने से बैठने और फिर खड़े होने की प्रक्रिया धीरे-धीरे करें। जैसे बिस्तर से उठने से पहले कुछ मिनट बैठें।
  • लेग एक्सरसाइज: खड़े होने से पहले और खड़े रहने के दौरान पैर की मांसपेशियों को सक्रिय करें। जैसे टखने घुमाना, पिंडली उठाना, पैरों को क्रॉस कर जांघ की मांसपेशियों को टाइट करना।
  • कंप्रेशन स्टॉकिंग: मेडिकल ग्रेड के वेस्ट हाई कंप्रेशन स्टॉकिंग पहनें। ये पैरों से खून के प्रवाह को दिल तक वापस लाने में मदद करते हैं। सुबह उठने से पहले पहनें। पेट के लिए एब्डोमिनल बाइंडर भी सहायक हो सकते हैं।
  • दवाओं की समीक्षा: कुछ दवाइयां जैसे डाययूरेटिक्स, अल्फा-ब्लॉकर्स, एंटीहायपरटेंसिव, एंटीडिप्रेसेंट, पार्किंसन की दवाएं समस्या बढ़ा सकती हैं। अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
  • आहार संबंधी बातें: संतुलित आहार लें। कुछ मामलों में डॉक्टर की सलाह पर नमक बढ़ाया जा सकता है। हृदय रोग या हाई बीपी वाले बिना डॉक्टर की सलाह के नमक न बढ़ाएं।
  • छोटे, बार-बार भोजन: दिनभर में छोटे भोजन करें। ज्यादा भारी भोजन से बीपी गिर सकता है।
  • बेड हेड ऊँचा करें: बिस्तर के सिरहाने को 10-20 डिग्री तक उठाएं।
  • नियमित व्यायाम: डॉक्टर की सलाह अनुसार नियमित व्यायाम से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
  • अत्यधिक जोर लगाने से बचें: भारी वजन उठाना या कब्ज के दौरान जोर लगाना BP को प्रभावित कर सकता है।
  • लक्षणों पर ध्यान दें: अगर चक्कर आए तो तुरंत बैठ जाएं या लेट जाएं।

कब डॉक्टर से मिलें

यदि लक्षण बार-बार हों, बढ़ते जाएं या गंभीर हों तो डॉक्टर से परामर्श लें। वे सही कारण का पता लगाएंगे और उपचार की सलाह देंगे।

इन रणनीतियों और जीवनशैली बदलावों से ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन के लक्षणों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता बेहतर बनाई जा सकती है।