Chandan Hospital, Lucknow
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तंत्रिका और मांसपेशियों के विकारों की समझ

Information by Dr. Ritwiz Bihari

Category: neuropathy

न्यूरोपैथी और ALS सहित तंत्रिका और मांसपेशी विकारों की जानकारी
तंत्रिका और मांसपेशियों के विकारों की समझ

तंत्रिका और मांसपेशियों के विकार कई प्रकार की स्थितियाँ होती हैं जो तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियों के कार्य को प्रभावित करती हैं। इनके लक्षणों में कमजोरी, सुन्नता, दर्द और चलने-फिरने में कठिनाई शामिल हो सकती है। यहां इन विकारों के प्रकार, लक्षण, निदान, उपचार और देखभाल के बारे में बताया गया है।

सामान्य प्रकार

  • पेरिफेरल न्यूरोपैथी: तंत्रिकाओं की क्षति जिससे हाथ-पैरों में झनझनाहट, सुन्नता, कमजोरी या दर्द होता है।
  • ALS (एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस): यह प्रोग्रेसिव न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग है जिसमें मांसपेशियों की कमजोरी, बोलने, निगलने और सांस लेने में कठिनाई होती है।
  • गुइलेन-बैरे सिंड्रोम: यह ऑटोइम्यून विकार है जिसमें तेजी से मांसपेशियों की कमजोरी, झनझनाहट और लकवा हो सकता है।
  • मायस्थीनिया ग्रेविस: यह ऑटोइम्यून विकार है जिसमें चेहरे, गर्दन और अंगों की मांसपेशियों में कमजोरी और थकान महसूस होती है।

लक्षण

  • मांसपेशियों की कमजोरी या लकवा
  • सुन्नता या झनझनाहट
  • दर्द या मरोड़
  • थकान
  • चलने-फिरने में कठिनाई
  • संवेदना या कोऑर्डिनेशन में बदलाव

निदान

  • चिकित्सा इतिहास: लक्षणों और पारिवारिक इतिहास का विवरण।
  • शारीरिक परीक्षण: मांसपेशियों की ताकत, रिफ्लेक्स, संवेदना और कोऑर्डिनेशन की जांच।
  • इलेक्ट्रोडायग्नॉस्टिक टेस्ट: EMG और नर्व कंडक्शन स्टडी।
  • इमेजिंग: MRI या CT स्कैन।
  • ब्लड टेस्ट और जेनेटिक टेस्टिंग: विशेष मार्कर्स और जेनेटिक कारणों के लिए।
  • बायोप्सी: कुछ मामलों में मांसपेशी या तंत्रिका बायोप्सी।

उपचार

  • दवाइयाँ: इम्यूनोसप्रेसेंट, कॉर्टिकोस्टेरॉइड, पेन रिलीवर, मसल रिलैक्सेंट। मायस्थीनिया ग्रेविस के लिए एसिटाइलकोलिनेस्टरेज इनहिबिटर।
  • फिजियोथेरेपी: ताकत, लचीलापन और मूवमेंट सुधारने के लिए।
  • ऑक्यूपेशनल थेरेपी: दैनिक कार्यों को आसान बनाने के लिए।
  • स्पीच थेरेपी: बोलने और निगलने की समस्या में।
  • सर्जरी: नर्व डिकम्प्रेशन, मसल ट्रांसप्लांटेशन, मायस्थीनिया ग्रेविस में थाइमेक्टॉमी।
  • रेस्पिरेटरी सपोर्ट: ALS या गंभीर गुइलेन-बैरे सिंड्रोम में।

सावधानियाँ और देखभाल

  • फॉल प्रिवेंशन: घर में ग्रैब बार लगाना, फर्श साफ रखना।
  • दैनिक कार्यों में मदद: नहाना, कपड़े पहनना, खाना बनाना।
  • मोबिलिटी एड्स: वॉकर, व्हीलचेयर, छड़ी का उपयोग।
  • पोषण: सही आहार और हाइड्रेशन। निगलने में समस्या होने पर डाइट में बदलाव।
  • भावनात्मक समर्थन: रोगी और परिवार को प्रोत्साहन और समझ देना।
  • नियमित फॉलोअप: न्यूरोलॉजिस्ट और विशेषज्ञों से निरंतर जांच।

निष्कर्षतः, तंत्रिका और मांसपेशी विकार जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं। जल्दी निदान, उचित उपचार और सहायक देखभाल से लक्षण प्रबंधित किए जा सकते हैं। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।