Chandan Hospital, Lucknow
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डिमेंशिया: कारण, निदान और देखभाल

Information by Dr. Ritwiz Bihari

Category: dementia

डिमेंशिया, अल्ज़ाइमर रोग, और मरीज की देखभाल की जानकारी
डिमेंशिया: कारण, निदान और देखभाल

डिमेंशिया एक सिंड्रोम है जिसमें संज्ञानात्मक कार्यों में गिरावट आती है, जिससे स्मृति, सोचने, व्यवहार और दैनिक कार्यों की क्षमता प्रभावित होती है। यह कोई विशेष बीमारी नहीं है, बल्कि विभिन्न बीमारियों के कारण होने वाले लक्षणों का समूह है जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाते हैं।

डिमेंशिया के सामान्य कारण

  • अल्ज़ाइमर रोग: डिमेंशिया का सबसे आम कारण, जिसमें मस्तिष्क में असामान्य प्रोटीन जमा हो जाते हैं और कोशिकाओं की मृत्यु होने लगती है।
  • वास्कुलर डिमेंशिया: मस्तिष्क में रक्त प्रवाह कम होने के कारण, जैसे स्ट्रोक या छोटे रक्त वाहिका रोग।
  • ल्यूवी बॉडी डिमेंशिया: मस्तिष्क में ल्यूवी बॉडी प्रोटीन के जमा होने से, जिसमें संज्ञानात्मक गिरावट और पार्किंसन जैसे लक्षण होते हैं।
  • फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया: मस्तिष्क के फ्रंटल और टेम्पोरल लोब के क्षरण से व्यवहार, व्यक्तित्व और भाषा में बदलाव।
  • मिक्स्ड डिमेंशिया: कुछ मामलों में अल्ज़ाइमर और वास्कुलर डिमेंशिया दोनों के लक्षण एक साथ होते हैं।

निदान

डिमेंशिया का निदान करने के लिए व्यापक मूल्यांकन किया जाता है, जिसमें शामिल हैं:

  • चिकित्सा इतिहास: लक्षणों, बीमारियों, दवाओं और पारिवारिक इतिहास का विवरण।
  • संज्ञानात्मक आकलन: स्मृति, भाषा, एक्जीक्यूटिव फंक्शन और अन्य क्षमताओं का परीक्षण।
  • शारीरिक परीक्षा: न्यूरोलॉजिकल परीक्षण सहित मोटर फंक्शन और कोऑर्डिनेशन की जांच।
  • इमेजिंग अध्ययन: MRI या CT स्कैन द्वारा मस्तिष्क की संरचना का मूल्यांकन।

उपचार

हालांकि अधिकांश डिमेंशिया का कोई इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को नियंत्रित करने और जीवन की गुणवत्ता सुधारने के लिए उपचार किया जाता है:

  • दवाइयां: कुछ दवाइयाँ संज्ञानात्मक लक्षणों, व्यवहार में बदलाव और मूड की समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
  • जीवनशैली में बदलाव: नियमित व्यायाम, सामाजिक सक्रियता, और मानसिक उत्तेजना से संज्ञानात्मक गिरावट को धीमा किया जा सकता है।
  • सहायक देखभाल: ऑक्यूपेशनल थेरेपी, स्पीच थेरेपी, और अन्य सेवाएँ मरीज की स्वतंत्रता बनाए रखने में मदद करती हैं।
  • देखभालकर्ता सहायता: देखभालकर्ताओं के लिए शिक्षा, संसाधन और भावनात्मक सहयोग प्रदान करना जरूरी है।

रोकथाम

हालांकि उम्र और जेनेटिक्स जैसे कुछ रिस्क फैक्टर बदले नहीं जा सकते, लेकिन कुछ कदम उठाकर डिमेंशिया के जोखिम को कम किया जा सकता है:

  • स्वस्थ जीवनशैली: पौष्टिक आहार, नियमित व्यायाम, स्वस्थ वजन बनाए रखना, धूम्रपान और अत्यधिक शराब से बचना।
  • पुरानी बीमारियों का प्रबंधन: उच्च रक्तचाप, डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना।
  • मानसिक गतिविधियाँ: पढ़ना, पहेलियाँ सुलझाना और सामाजिक गतिविधियों में शामिल होना।

प्रगति और परिणाम

डिमेंशिया का परिणाम इसके कारण, लक्षणों की गंभीरता और मरीज के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। यह एक प्रोग्रेसिव कंडीशन है, लेकिन जल्दी निदान और उचित देखभाल से लक्षणों की प्रगति धीमी की जा सकती है और जीवन की गुणवत्ता सुधारी जा सकती है।

डिमेंशिया मरीजों की देखभाल और सावधानियाँ

डिमेंशिया मरीज की देखभाल में धैर्य, करुणा और समझ जरूरी है:

  • नियमित दिनचर्या: एक जैसी दिनचर्या से भ्रम और चिंता कम होती है।
  • सुरक्षा: गिरने से बचाव के लिए घर में बदलाव, जैसे ग्रैब बार लगवाना।
  • संचार: सरल भाषा और विज़ुअल संकेतों का उपयोग।
  • स्वतंत्रता बढ़ाना: रोज़मर्रा के कामों में सहायता देकर आत्मसम्मान बनाए रखना।

संक्षेप में, डिमेंशिया एक जटिल स्थिति है जिसके निदान, उपचार और देखभाल के लिए बहु-विषयक दृष्टिकोण आवश्यक है। हालांकि इलाज नहीं है, लेकिन जल्दी निदान, जीवनशैली में बदलाव और सहायक देखभाल से मरीज लंबे समय तक अच्छी ज़िंदगी जी सकते हैं। यदि आपको या आपके किसी परिचित को डिमेंशिया के लक्षण हैं, तो हेल्थकेयर प्रोफेशनल से सलाह लें।